Sunday, July 20, 2025
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अंकिता हत्याकांड : अंकिता के परिजनों ने लगाया एसआईटी जांच में लापरवाही का आरोप

नैनीताल। अंकिता भंडारी हत्याकांड में हाईकोर्ट ने घटनास्थल के सभी सबूत मांगे हैं। अदालत ने 11 नवंबर तक मौके के सभी सबूत पेश करने के निर्देश एसआईटी को दिए हैं। वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई की। याचिका में हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है। गुरुवार को हुई सुनवाई में अंकिता की माता सोनी देवी और पिता बीरेंद्र सिंह भंडारी ने बेटी के कातिलों को फांसी की सजा दिलाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। परिजनों का कहना है कि एसआईटी जांच में लापरवाही कर रही है, इसलिए जांच सीबीआई से कराई जाए। आरोप लगाया कि सरकार शुरुआत से ही किसी वीआईपी को इस मामले में बचाना चाह रही है। सबूत मिटाने के लिए बीते रविवार को रिसॉर्ट से लगी फैक्टरी को भी जला दिया गया। वहां पर कई सबूत मिल सकते थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक फैक्ट्री में खून के धब्बे देखे गए थे। आरोप लगाया कि सरकार ने किसी को बचाने के लिए डीएम तक का तबादला कर दिया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि उन पर इस केस को वापस लिए जाने का दवाब डाला जा रहा है। उनपर क्राउड फंडिंग का आरोप भी लगाया जा रहा है। अंकिता के परिजन आशुतोष नेगी ने याचिका दायर कर कहा है कि पुलिस व एसआईटी इस मामले के महत्वपूर्ण सबूतों को छुपा रही है। एसआईटी द्वारा अभी तक अंकिता के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। जिस दिन उसका शव बरामद हुआ था उसकी दिन शाम को उनके परिजनों के बिना अंकिता का कमरा तोड़ दिया।
हत्यारोपियों को एक से दूसरी जेल में किया शिफ्ट
अंकिता मर्डर केस के दो आरोपियों को बुधवार को पौड़ी जिला कारागार से शिफ्ट कर दिया गया है। जबकि एक आरोपी अभी पौड़ी जेल में ही है। हत्याकांड के तीनों आरोपी बीती 23 सितंबर से पौड़ी जिला कारागार में बंद थे। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 30 अक्तूबर को तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर ऐक्ट भी लगा दिया था। बुधवार को पौड़ी जिला कारागार खांड्यूसैंण से अंकित को देहरादून तो सौरभ को टिहरी जेल शिफ्ट कर दिया गया है। बुधवार को हत्याकांड के आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में शिफ्ट किया गया। जबकि पुलकित आर्य अभी भी पौड़ी जिला कारागार खांड्यूसैंण में बंद है। लक्ष्मझूला पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपी 23 सितंबर से ही पौड़ी जिला जेल में ही बंद थे।

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  1. […] ये भी पढ़ें : अंकिता हत्याकांड : अंकिता क… मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक दृष्टि से भी परम्परागत कृषि के लिए एक उपयुक्त राज्य है। जलवायु विविधता के कारण हमारे यहां कई प्रकार की स्थानीय फसलें, फल, जड़ी-बूटी और सुगन्धित पौध आदि की खेती की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ावा दिया जाए ताकि अधिक से अधिक किसान प्राकृतिक खेती को अपनाएं। हमारा जीवन, हमारा स्वास्थ्य, हमारा समाज सबके आधार में हमारी कृषि व्यवस्था ही है। बीते कुछ वर्षों के दौरान रसायनों के इस्तेमाल से हमारी उत्पादन क्षमता तो बढ़ी है लेकिन हमारे खेतों और हमारी मिट्टी पर इसका प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ा है। धरती को माँ मानने की परम्परा भारतीय संस्कृति में ही है। आज स्थिति यह है कि रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों के अंधाधुंध और असंतुलित प्रयोग का दुष्प्रभाव मिट्टी और पर्यावरण पर ही नहीं बल्कि हमारे पशुओं की सेहत पर भी स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। वर्तमान में देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्राकृतिक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ रही है और हमारा लक्ष्य है कि इसका अधिक से अधिक लाभ उत्तराखंड के किसानों को मिले। हमारा किसान सशक्त होगा तो हमारी अर्थव्यस्था मजबूत होगी और जब अर्थव्यवस्था मजबूत तभी भारत पुनः विश्वगुरू के पद पर आरूढ़ हो पायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 अक्टूबर को सीमान्त गांव माणा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। प्रधानमंत्री का यह संदेश हमें निरंतर उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की प्रयासों की प्रेरणा देने वाला है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है सरकार किसानों एवं उनके कल्याण हेतु लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य के किसानों की आय दोगुनी किए जाने के संकल्प को हम पूरा करने हेतु प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा प्राकृतिक खेती का उद्देश्य उत्पादन मूल्य को शून्य करना है जिससे किसानों को उनकी फसलों का दाम मिल सके। इस अवसर पर विधायक खजान दास, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, सचिव कृषि डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, निदेशक कृषि गौरी शंकर सहित कृषि वैज्ञानिक और प्रदेश के सभी जनपदों के कृषक उपस्थित रहे। […]

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