देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में ब्राह्मण समाज की राजधानी “हरिद्वार” में आगामी 24 सितंबर को होने वाले विशाल ब्राह्मण महाकुंभ की तैयारी को लेकर विचार विमर्श हेतु उत्तराखंड के दो दर्जन से अधिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने उक्त ब्राह्मण महाकुंभ सम्मेलन को जोरदार ढंग से मनाने पर भावी रूपरेखा तय की। उक्त सम्मेलन को ऐतिहासिक बनाने पर विचार मंथन किया गया।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे श्री गंगा सभा, हरिद्वार के अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि हाल ही में हरियाणा, राजस्थान, मप्र , उप्र में जहां जहां बड़े स्तर पर कामयाब ब्राह्मण सम्मेलन हुए उनके आयोजको से संपर्क कर उनके अनुभव का मार्गदर्शन लेना होगा। जिस क्षेत्र में ब्राह्मण अधिक संख्या में हैं, उस क्षेत्र पर जनसंपर्क हेतु हमें ज्यादा फोकस करना चाहिए। व्यक्तिगत संपर्क पर हमें ज्यादा जोर देना होगा। विभिन्न समितियों का गठन कर दायित्व का निर्धारण करना होगा।
श्री गौतम जी ये भी सुझाव दिया कि जिस स्थल पर महाकुंभ का आयोजन निश्चित हो, उस स्थल पर भूमि पूजन, यज्ञ व धर्म ध्वजा की विधिविधान से स्थापना की जाए, इससे एक अच्छा संदेश जाएगा।
श्री परशुराम अखाड़ा के संयोजक श्री अधीर कोशिक जी कहा कि कुछ ब्राह्मणों द्वारा नेताओं के तलवे चाटने शुरू करने के कारण ब्राह्मणों का पतन हुआ। हमें भगवान श्री परशुराम जी को गुरु आदर्श मान कर वीडियो जारी करनी चाहिए। सम्मेलन में हमें संख्या बल पर ध्यान देना चाहिए।
ब्राह्मण समाज महासंघ, के संरक्षक पवन कुमार शास्त्री जी ने कहा कि ब्राह्मण महाकुंभ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए। ब्राह्मण संगठनों की सभी इकाइयों को साथ लेकर रणनीति बनानी होगी। ब्राह्मणों की एकजुटता का संदेश सभी पार्टियों ने नेताओं तक जाना चाहिए।