रुड़की। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत ने डिपार्टमेन्ट ऑफ हाइड्रो एंड रीन्यूएबल एनर्जी में दो नई लैब रीन्यूएबल ग्रिड इंटीग्रेशन लैबोरेटरी और ग्रीन हाइड्रोजन लैबोरेटरी का उद्घाटन किया। स्वच्छ उर्जा में भारत को आत्मनिर्भार बनाने के लिए यह लैब बनाई गई हैं। निदेशक प्रो. पंत ने इन लैबों का दौरा किया। यह लैब हाइड्रोपावर, एनर्जी स्टोरेज, सोलर एनर्जी, बायोमास एनर्जी, मैनेजमेन्ट ऑफ वॉटर बॉडीज, एनर्जी सिस्टम्स मॉडलिंग में भूमिका निभा रहे हैं। प्रोफेसर पंत ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना और उर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ावा देना इन लैब का मुख्य उद्देश्य है। इससे भारत को हरित हाइड्रोजन के उत्पादन एवं निर्यात के लिए ग्लोबल हब के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी। शून्य कार्बन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इलेक्ट्रिक ग्रिड का विकार्बोनीकरण करना होगा। प्रो. अमित भोसले ने ग्रीन हाइड्रोजन लैबोरेटरी फ्यूल सेल और इलेक्ट्रोलाइजर्स के विकास में इन लैब की भूमिका के बारे में बताया। लैब भारत सरकार की ओर से हाल ही में लांच किए गए नेशनल हाइड्रोजन मिशन में भी योगदान देगी। लैबोरेटरी का प्रबन्धन संस्थान के पोस्ट-डॉक्टोरल फैलो, छह पीएचडी छात्रों की ओर से किया जा रहा है।
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