ऋषिकेश। परमार्थ निकेेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने टीएचडीसी, ऋषिकेश और नगर निगम, हरिद्धार के 500 से अधिक स्वच्छताकर्मियों को डिग्निटी किट वितरित करते हुये कहा कि अपने शहर को स्वच्छ और सुन्दर बनाये रखने में सभी स्वच्छताकर्मी भाई/बहनों का महत्वपूर्ण योगदान है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सफाई कर्मियों को उनकी सुविधा के लिये टूल्स प्रदान करने से पूर्व उन टूल्स का उपयोग कैसे किया जाये इस हेतु प्रशिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। परमार्थ निकेतन में स्वच्छताकर्मियों को टूल्स व डिग्निटी किट देने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे अपना काम सुरक्षित तरीके से कर सके।
स्वामी जी ने कहा कि सीवरों और सेप्टिक टैंकों की मैनुअल सफाई की प्रथा को समाप्त करना और मशीनीकृत सफाई को बढ़ावा देना अत्यंत जरूरी है। किसी के द्वारा बिना सुरक्षा उपकरणों के अपने हाथों से मानवीय अपशिष्ट की सफाई करने या ऐसे अपशिष्टों को सर पर ढोने अथवा नालियों, सीवर लाइनों और सेप्टिक टैंकों की सफाई करने की प्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिये सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अनुसार, बीते 10 वर्षों में सीवर लाइन और सेप्टिक टैंक की सफाई करते हुए देश भर में कुल 631 लोगों की मौत हो गई इसलिये जरूरी है स्वच्छता कर्मियों को प्रशिक्षित करना और उन्हें उपयुक्त टूल्स प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है।
स्वामी जी ने कहा कि शौचालय की आपूर्ति के साथ ही उसकी गुणवत्ता को बनाये रखने हेतु विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि वर्तमान समय में 3.6 अरब लोग अभी भी खराब गुणवत्ता वाले शौचालयों के साथ जी रहे हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिये खतरनाक होने के साथ ही पर्यावरण को प्रदूषित करता हैं।
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स्वामी जी ने कहा कि अपर्याप्त स्वच्छता प्रणालियों के कारण भी मानव मल और अपशिष्ट नदियों, झीलों, मिट्टी और सतही जल में जा रहा है जिससे हमारे भूमिगत जल संसाधन दूषित हो रहे हैं। उन्होंने स्वच्छताकर्मियों से कहा कि अपनी सुरक्षा के साथ ही सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता भूजल को मानव अपशिष्ट प्रदूषण से बचाती है। प्रत्येक व्यक्ति के पास स्वच्छता प्रणाली से जुड़ा एक शौचालय होना चाहिए जिसके माध्यम से मानव अपशिष्ट को प्रभावी ढंग से हटाया और उसे उपचारित किया जा सके।
स्वामी जी ने कहा कि स्वच्छता और भूजल के बीच की कड़ी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। ज्ञात हो कि परमार्थ निकेतन, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस (जीवा), पहल और हार्पिक वल्र्ड टॉयलेट कालेज की उत्कृष्ट पहल है जिसके अन्र्तगत विगत दो वर्षो से स्वच्छताकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे अपनी सुरक्षा के साथ अपनी धरती को भी स्वच्छ और सुरक्षित रख सके।
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[…] ये भी पढ़ें: स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी… मुख्यमंत्री ने कहा कि भक्तदर्शन जी का भारतीय स्वतंत्रता तथा उत्तराखंड राज्य के हित में महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने कहा कि भक्तदर्शन महाविद्यालय ने कुशल मानव संसाधन देने का कार्य किया। इस महाविद्यालय से पढ़े बहुत से लोग आज राजनीति, सेना, पुलिस, प्रशासन आदि क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज भारत की पहचान एक समर्थ और शक्तिशाली भारत के रूप में बनी है। राज्य सरकार भी जीरो पेंडेंसी की नीति पर कार्य रही है। सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के मंत्र पर कार्य किए जा रहे हैं। युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी लाई गई है। […]