Tuesday, February 4, 2025
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राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया

देहरादून।  ननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के तत्वावधान में दिनांक 14 दिसम्बर, 2024 को प्रातः 10.00 बजे से सायं 05.00 बजे तक जिला मुख्यालय देहरादून, बाह्य न्यायालय ऋषिकेश, विकासनगर एवं डोईवाला जनपद देहरादून के न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम, सिविल मामले, पारिवारिक मामलें, चैक बाउन्स से सम्बंधित मामलें व अन्य शमनीय प्रकृति के आपराधिक मामलें लगाये गये थे। इस लोक अदालत में फौजदारी के शमनीय प्रकृति के मामलें, चैक सम्बंधी मामलें, धन वसूली सम्बंधी मामलें, मोटर दुर्घटना क्लेम ट्राईबुनल के मामलें, पारिवारिक विवाद सम्बंधी मामलें, मोटर वाहन द्वारा अपराधों के मामलें एवं अन्य सिविल प्रकृति के मामलों सहित कुल 6079 मामलों का निस्तारण किया गया तथा 19,47,34,454/- ০ की धनराशि पर समझौता हुआ। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून श्रीमती सीमा डुंगराकोटी द्वारा बताया गया कि उक्त लोक अदालत में जिला न्यायाधीश, देहरादून श्री प्रेम सिंह खिमाल जी की पीठ सहित कई न्यायिक अधिकारियों की पीठों द्वारा मुख्यालय देहरादून में एक ही दिन में कुल 4632 मामलों का आपसी राजीनामे के आधार पर निस्तारण किया गया। साथ ही बाह्य न्यायालय, विकासनगर के न्यायिक अधिकारियों द्वारा लोक अदालत में कुल 647 मामलों का आपसी राजीनामे के आधार पर निस्तारण किया गया, तथा बाह्य न्यायालय ऋषिकेश के न्यायिक अधिकारियों द्वारा लोक अदालत में एक ही दिन में में कुल 553 मामलों का निस्तारण किया गया। बाध्य न्यायालय डोईवाला द्वारा 228 मामलों का तथा बाह्य न्यायालय मसूरी द्वारा 23 मामलों का निस्तारण किया गया। इस लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर के मामले भी निस्तारित किये गये। उक्त लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर के 7393 मामलों का निस्तारण किया गया तथा 56923435/-रू० की धनराशि के सम्बंध में समझौते किये गये।सचिव/ वरिष्ठ सिविल जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून श्रीमती सीमा डुंगराकोटी द्वारा अवगत कराया कि लोक अदालतें सरल व त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है, लोक अदालतों में पक्षकार आपसी समझौते के आधार पर मामले का निस्तारण कराते हैं, ऐसे आदेश अंतिम होते हैं तथा पक्षकारों को उनके द्वारा दिया गया न्यायशुल्क भी वापस कर दिया जाता है।

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