ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश में विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने टीबी से बचाव और रोकथाम को लेकर विभिन्न जानकारियां दीं। इस दौरान आयोजित अंतर्विभागीय प्रश्नोत्तरी क्विज में डॉ. पवन, डॉ. श्रीजिथ और डॉ. निधि प्रथम रहे। शनिवार को एम्स ऋषिकेश में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग एवं कोर कमेटी एनटीईपी के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम अयोजित हुआ। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बच्चों की टीबी पर व्याख्यान दिया और उसके निदान और उपचार पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रोगियों के साथ-साथ उनके परिजनों की की जांच नियमित तौर पर करानी चाहिए। उन्होंने एनटीईपी कार्यक्रम के तहत तपेदिक रोकथाम चिकित्सा और टीबी उन्मूलन में इसके महत्व पर भी जोर दिया। ताकि टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के पूर्व डीन रिसर्च एवं पूर्व विभागाध्यक्ष पल्मोनरी मेडिसिन पद्मश्री प्रो. दिगंबर बेहरा ने टीबी रोग में प्रतिमान प्रत्येक चिकित्सक को क्या पता होना चाहिए विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने टीबी की बीमारी के प्रारंभ से अब तक की यात्रा तथा उसके उपचार संबंधी विषय पर विस्तृत जानकारी दी। मौके पर संकायाध्यक्ष (शैक्षणिक) प्रो. जया चतुर्वेदी, पल्मोनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. गिरीश सिंधवानी, नोडल अधिकारी डॉ. रुचि दुआ, डॉ. योगेश बहुरूपी, डॉ. प्रखर शर्मा, डॉ. लोकेश कुमार सैनी, एसटीएफ़ देहरादून उत्तराखंड के चेयरमैन डॉ. प्रदीप अग्रवाल, राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. पंकज सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी देहरादून डॉ. मनोज कुमार वर्मा, डॉ. रवि कांत, डॉ. मीनाक्षी धर, डॉ. अभिषेक भारद्वाज, डॉ. मृत्युंजय कुमार, डॉ. पंकज कंडवाल, डॉ. प्रकाश एस, डॉ. अभिषेक बैनूर, डॉ. शरद प्रसाद, डॉ. यश जैन, डॉ. सैकत बनर्जी, डॉ. न्यरवान वैश्य, डॉ. गणेश कुमार, विरेन्द्र नौटियाल, लोकेश बलूनी, रविन्द्र कुकरेती आदि आदि उपस्थित रहे।
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