ऋषिकेश। शुक्रवार को एम्स ऋषिकेश में वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें राज्यभर के फार्मासिस्ट और डेटा इंट्री ऑपरेटरों ने प्रतिभाग किया। विशेषज्ञों ने वायरल हेपेटाइटिस जांच, इलाज और मेडिकल इंफोरमेशन सिस्टम संबंधित जानकारियां दी। आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम बेहद जरूरी है। वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के समन्वयक डा. अजीत सिंह भदौरिया ने प्रशिक्षुओं को देश में वायरल हेपेटाइटिस की समस्या व संबंधित चुनौतियों से अवगत कराया। माइक्रो बायोलॉजी विभाग के डा. वाईपी मथूरिया ने हेपेटाइटिस की स्क्रिनिंग व डायग्नोसिस संबंधी जानकारियां दी। ये भी पढ़ें: सीडीओ अध्यक्षता में हुई आधार कार्ड मानिटिरिंग समिति की बैठक गैस्ट्रो विभागाध्यक्ष डा. रोहित गुप्ता ने वायरल हेपेटाइटिस की विभिन्न उपचार की विधियों के बारे में बताया। कहा कि प्रोग्राम के अंतर्गत हेपेटाइटिस-बी और सी की दवाइयां मुफ्त उपलब्ध हैं। हेपेटाइटिस-सी का संक्रमण इन दवाइयों द्वारा पूर्णरूप से खत्म किया जा सकता है। फार्माकोलॉजी विभाग के डा. पुनीत धमीजा ने राज्य के सरकारी अस्पतालों के फार्मासिस्टों को एंटी वायरल दवाइयों के शरीर में कार्य करने की प्रणाली से अवगत कराया। कहा कि वायरल हेपेटाइटिस की दवाओं को लेने से ज्यादातर मरीजों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। सीएफएम विभाग की डा. मीनाक्षी खापरे ने इन्वेंट्री कंट्रोल के बारे में अवगत कराया। इस दौरान उन्हें एम्स की फार्मेसी में प्रेक्टिकल एक्सपीरियंस दिया गया। मौके पर अधीराज शेखावत, फार्मासिस्ट प्रमोद कुमार, अनूप कृषाली, धीरेंद्र सिंह, उत्तम चंद रमोला, डीपी बहुगुणा के अलावा डेटा इंट्री ऑपरेटर्स केतन, पुष्पा भट्ट, चंद्रकला, आयुषी, शोभित रावत, कलम सिंह, लाल खान, विपिन चौहान, ललित मोहन आदि उपस्थित रहे।
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