देहरादून। उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बुधवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर जारी अत्याचारों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाना मानव अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है साथ ही देश के सामाजिक ताने-बाने के खिलाफ है।
मुफ्ती शमून कासमी ने एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ जारी अत्याचार की खबरों से मैं बहुत स्तब्ध हूं। हिंसा और अन्याय के ऐसे कृत्य ना केवल अमानवीय हैं, बल्कि शांति, सह-अस्तित्व और आपसी सम्मान के मूल सिद्धांतों के भी खिलाफ हैं, जो कि हर धर्म और सभ्य समाज में सिखाए जाते हैं।’
कासमी ने आगे कहा, ‘किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाना मानव अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और किसी भी देश के सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा है।’
आगे उन्होंने कहा, ‘उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष और साम्प्रदायिक सद्भाव के प्रबल समर्थक के रूप में मैं इन हमलों की कड़ी निंदा करता हूं। बांग्लादेश सहित सभी सरकारों के लिए यह जरूरी है कि वे हर नागरिक की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों को सुनिश्चित करें, फिर चाहे उनकी धार्मिक या जातीय पहचान कुछ भी हो।’
कासमी ने बांग्लादेशी अधिकारियों से हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार करने वालों के खिलाफ तुरंत और निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘मैं बांग्लादेश सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह इस हिंसा के दोषियों के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करके सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के सिद्धांत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करे।’ साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय भी लागू करने चाहिए।
उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने की बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचारों की कड़ी निंदा
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