ऋषिकेश। तीर्थनगरी में रविवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई गई। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा स्वामी विवेकानंद एक व्यक्तित्व नहीं, एक बुनियाद हैं। रविवार को चंद्रेश्वरनगर मंदिर में बने स्वामी विवेकानंद साधना गुफा में कार्यक्रम आयोजित हुआ। मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत के ही नहीं, बल्कि विश्व के युवाओं के लिए उनके विचार प्रासंगिक एवं अनुकरणीय हैं। उनके विचार आज के विखंडित समाज को जोड़ने के लिए रामबाण औषधि है। स्वामी विवेकानंद ने शिक्षा को समाज की रीढ़ माना है। उनके अनुसार शिक्षा मनुष्यता की संपूर्णता का प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि धर्म वह विचार एवं आचरण है, जो मनुष्य के अंदर की पशुता को इंसानियत में और इंसानियत को देवत्व में बदलने की सामर्थ्य रखता है। उन्होंने सभी धर्मों का सार सत्य को बताया है एवं उसके आचरण की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को चरित्र निर्माण के लिये स्वामी विवेकानंद ने पांच सूत्र (आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, आत्मज्ञान, आत्मसंयम और आत्मत्याग) दिए। उनका मानना है कि इन पांच तत्वों के अनुशीलन से व्यक्ति स्वयं के व्यक्तित्व तथा देश और समाज का पुनर्निर्माण कर सकता है। इस दौरान सभी ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। मौके पर मंडल अध्यक्ष सुमित पवार, वन विकास निगम सदस्य देवदत्त शर्मा, सुजीत यादव, चंदू यादव आदि उपस्थित रहे।