विकासनगर। राज्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थान सेलाकुई में स्टेट कॉलेज ऑफ नर्सिंग के छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ‘नशा-जीवन का विनाशक, मुक्ति-जीवन का उद्धारक का संदेश दिया गया। बताया कि नशा समाज के लिए अभिशाप है, जो पूरे समाज को दीमक की भांति खोखला कर देता है। नशा मुक्त जीवन जीने के लिए परिवार और दोस्तों का सहयोग सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। समाज इस समस्या के खिलाफ एकजुट हो जाए, तो नशे के बढ़ते प्रचलन पर काबू पाया जा सकता है। हमें इस दिशा में जागरूकता फैलाने और एकजुट होकर काम करने की जरूरत है ताकि नशे को जड़ से खत्म किया जा सके। संस्थान के सीएमएस डॉ. प्रताप सिंह ने कहा कि नशा मुक्ति केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी है। हर व्यक्ति को इसके प्रति जागरूक रहकर अपने और समाज के उज्ज्वल भविष्य के लिए योगदान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि नशा आज की युवा पीढ़ी के सामने एक गंभीर सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्या बन चुकी है। इससे व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और इसी समस्या की गंभीरता को समझते हुए विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक संगठनों और सरकार द्वारा समय-समय पर नशा मुक्ति अभियान चलाए जाते हैं। इस दौरान वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. रविंद्र नवानी, डॉ. विनय शर्मा, डॉ. रोहित गोंदवाल आदि मौजूद रहे।
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