देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच गुरुवार को शहीद स्मारक से राजकीय सेवाओं में 10% क्षैतिज आरक्षण बहाल करने व चिन्हीकरण की प्रक्रिया पूर्ण करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे ओर सरकारी झूठ की पोल खोलेंगे। इस मुद्दे को लेकर शहीद स्मारक में मंच का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा।संयुक्त मंच के संयोजक क्रांति कुकरेती ने कहा कि सरकार की मंशा साफ नहीं है। वह केवल आंदोलनकारियों को बरगलाने में लगी है। पहले मार्च 2023 में सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सूचना विभाग द्वारा जारी उपलब्धियों के पहले नम्बर पर ही आंदोलनकारियों को 10% आरक्षण देने की बात कही। उसके बाद पत्रकार वार्ता में भी इस बात को दोहराया गया। प्रवर समिति का कार्यकाल तीन बार बढ़ाने के बाद किसी तरह एक्ट तैयार हो पाया। उसे 15 दिन के भीतर विशेष सत्र आहूत कर राजभवन भेजने की बात कही गई। इस बात को करीब 45 दिन हो चुके हैं। सरकार लगातार झूठ बोल रही है, झूठे विज्ञापन जारी कर रही है। लिहाजा गुरुवार को सरकारी झूठ के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। आंदोलन को समर्थन देने उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी भी पहुंचे। भुवन कापड़ी ने कहा कि स्वयं संसदीय कार्य मंत्री ने सदन में 15 दिनों के भीतर विशेष सत्र की बात की थी। मगर डेढ़ माह बाद भी वह इस मुददे पर बात करने को तैयार नहीं हैं, इसलिए अब सरकार को अविलंब सत्र आहूत करके आरक्षण विधेयक मंजूर करना चाहिए। धरने में बैठने वालों में विमल जुयाल, राम किशन, मोहन सिंह रावत, सुनीता ठाकुर, अंबुज शर्मा, विनोद असवाल, सूर्यकांत शर्मा, अजय शर्मा, बाल गोविंद डोभाल, हरदेव रावत, मुन्नी खंडूड़ी, मीरा गुसाईं, यशोदा रावत, राजेश्वरी रावत, दुर्गा रतूड़ी, सावित्री पंवार, प्रभात डंडरियाल, धर्मानन्द भट्ट आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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