Saturday, June 14, 2025
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राज्य आंदोलनकारियों ने परिसीमन के मुद्दे पर शुरू की गोलबंदी

देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने प्रस्तावित परिसीमन के मुद्दे पर गोलबंदी शुरू कर दी है। इसे लेकर शनिवार को शहीद स्मारक में बैठक हुई। इसमें आंदोलनकारियों ने हिमालयी राज्यों की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए जनसंख्या के बजाए क्षेत्रफल के हिसाब से परिसीमन करने की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। वर्ष 2005 में भी इसी तरह से परिसीमन के मुद्दे पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने आंदोलन किया था और तब वह राज्य के राजनैतिक प्रतिनिधित्व में हिस्सेदारी बचाने में कामयाब रहा था। फिर से परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार को अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे राज्यों और विशेषकर हिमालयी राज्यों के राजनैतिक प्रतिनिधित्व को बचाने के लिए भौगोलिक आधार पर परिसीमन करना चाहिए। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान और प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के प्रतिनिधित्व बचाने के लिए लड़ाई लड़नी होगी। इस मौके पर सुलोचना भट्ट, विजयलक्ष्मी गुसांई, द्वारिका बिष्ट, यूकेडी के शांति भट्ट, डीएस गुसाईं, गणेश डंगवाल ने मांग की कि इस मामले में हमारे विधायकों को विधानसभा में सामूहिक चर्चा करनी चाहिए। बैठक में मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी और गौरव सेनानी संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष गौरव राणा, मंच के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने मुख्यमंत्री से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की। संचालन पूरण सिंह लिंगवाल ने किया। बैठक में केशव उनियाल, शान्ति भट्ट, संदीप चमोली, प्रमोद काला , जितेन्द्र अंथवाल, शूरवीर भण्डारी, रुकम सिंह पोखरियाल, संदीप खत्री, दीपक कैंतुरा, युद्धवीर सिंह चौहान, गम्भीर मेवाड़, महेन्द्र रावत, सुरेश नेगी, विजय बलूनी, नवीन रमोला, चन्द्रकिरण राणा, हरी सिंह, सुरेश कुमार, लखन चीलवाल, चन्द्रमोहन सिंह नेगी, रघुवीर तोमर, सुमित थापा, विनोद असवाल, प्रभात डण्डरियाल, विरेन्द्र सिंह रावत, अरुणा थपलियाल, राधा तिवारी, द्वारिका बिष्ट, तारा पाण्डे, देवेश्वरी नेगी, सुमन नैथानी, साबी नेगी, पुष्पा सकलानी, सुशीला चन्दोला, आशा नौटियाल, संगीता रावत, देवेश्वरी गुसांई, तारा रावत, माया बडोनी, सरोज कण्डवाल, यशोदा ममगांई, शान्ति कैन्तुरा, पुष्पा नेगी, विमला रावत समेत अन्य ने भी विचार रखे।

 

 

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