Tuesday, July 1, 2025
Homeउत्तराखंडहरिद्वारपतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टिट्यूट ने बनाई मृदा स्वास्थ्य सीढ़ी

पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टिट्यूट ने बनाई मृदा स्वास्थ्य सीढ़ी

देहरादून। पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टिट्यूट हरिद्वार द्वारा ‘मृदा स्वास्थ्य’ पर एक चार्ट’ तैयार किया है। इस चार्ट को ‘’मृदा स्वास्थ्य सीढ़ी’’ नाम दिया गया है। “इस स्वास्थ्य सीढ़ी के माध्यम से मिट्टी के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुणों को सहजता और सरलता के साथ समझाने का प्रयास किया गया है। पतंजलि आर्गेनिक रिसर्च इंस्टिट्यूट के मुख्य महाप्रबंधक श्री पवन कुमार जी ने जानकारी देते हुए कहा कि यह चार्ट किसानों, विद्यार्थियों, कृषि शिक्षा, कृषि विभाग तथा कृषि-प्रसार कार्यकर्ताओं के लिए मृदा स्वास्थ्य के बारे में समझने और समझाने हेतु एक महत्वपूर्ण दस्तावेज सिद्ध होगा. उन्होंने बताया कि इंस्टिट्यूट समय-समय पर किसान और विद्यार्थियों के साथ ही अधिकारियों को भी प्राकृतिक एवं जैविक खेती में प्रशिक्षण देता आ रहा है, इस तरह के प्रशिक्षणों में यह चार्ट भविष्य में बहुउपयोगी सिद्ध होगा. कि इस ‘’सीढ़ी’’ का प्रदर्शन मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरिद्वार के किसानों के मध्य किया गया, जिसका कि अच्छा रेसपोंस आ रहा है। कि इस टूल के माध्यम से प्रशिक्षक, किसान और विद्यार्थियों को मृदा विज्ञान की जटिलता को बड़ी सरलता से समझाया जा सकता है।
मृदा स्वास्थ्य सीढ़ी सक्षेप में-
इस चार्ट में कुल 51 बॉक्स बने हुए हैं, जिनमें मृदा स्वास्थ्य की दृष्टी से अच्छी कृषि क्रियाओं को सीढ़ी के सांकेतिक चित्र के रूप में दर्शाया गया है। वहीँ, हानिकारक क्रियाओं और बाधाओं को सांप के चित्र के रूप में प्रदर्शित किया गया है। उदहारण के लिए पहला बॉक्स मृदा स्वास्थ्य को समझने की आवश्यकता को लेकर है, दूसरे बॉक्स से दो-रस्ते निकलते हैं , पहला रस्ता मृदा आच्छादन को सीढ़ी से लिंक करते हुए मृदा अपरदन को कम करने और फसल अवशेषों को खेत में विघटित करने की दिशा की ओर बढ़ता है। दूसरे बॉक्स का दूसरा रस्ता रासायनिक अपशिष्टों की ओर बढ़ता है। इस रस्ते को सांप के प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है, जो इस रस्ते पर जाता है उसके आगे के सारे मार्ग बाधित हो जाते हैं। इस तरह से यह “सीढ़ी’’ मृदा स्वास्थ्य से धरती का स्वास्थ्य और धरती के स्वास्थ्य से मानव स्वास्थ्य की थीम को सरलता के साथ निररूपित करती है।
इस चार्ट में मिट्टी के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुणों को समझाने की दृष्टि से कुछ चित्र भी संलग्न किये गए हैं। मिट्टी के स्वास्थ्य में जैविक प्रक्रियाओं को दर्शाने के लिए केंचुआ, चीन्टी , मकड़ी एवं अन्य जीवों के चित्र सलग्न किये गए हैं। मिट्टी परीक्षण हेतु उपयोग में लाये जा रहे उपकरणों के साथ मृदा-स्वास्थ्य हेतु कृषि-क्रिया एवं तकनीक जैसे जीवामृत, जैवघनामृत आदि को भी चित्र के माध्यम से दर्शाया गया है।
‘’मृदा स्वास्थ्य सीढ़ी’’ को आकर्षक बनाने के लिए ‘आओ खेल-खेल में मृदा-स्वास्थ्य को समझें’ नामक उप-शीर्षक दिया गया है। मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु एक संकल्प भी इस उप-शीर्षक के साथ उकेरा गया है, ताकि किसान, उपभोक्ता, वैज्ञानिक, विद्यार्थी, शिक्षक एवं सामान्य जनमानस समय-समय पर संकल्पबद्ध होकर “धरती, माटी और मानव” स्वास्थ्य के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की सुन्दरता बनाये रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।

Spread the love
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments