Monday, July 21, 2025
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मॉडल, अभिनेत्री, निर्माता, सामाजिक कार्यकर्ता दीया मिर्जा सपरिवार आयी परमार्थ निकेतन

विश्व विख्यात परमार्थ निकेतन गंगा आरती में किया सहभाग
पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी ने रूद्राक्ष का दिव्य पौधा आशीर्वाद स्वरूप भेंट कर हरित पर्व मनाने का दिया संदेश
ऋषिकेश। भारतीय मॉडल, अभिनेत्री, निर्माता दीया मिर्जा सपरिवार परमार्थ निकेतन आयी। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों और आचार्यो ने शंख ध्वनि और वेद मंत्रों से दीया मिर्जा, उनके पति श्री वैभव रेखी और बच्चों का अभिनन्दन किया।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में अभिनेत्री दीया मिर्जा ने सपरिवार विश्व विख्यात परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग किया।
अभिनेत्री, निर्माता, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की सद्भावना दूत और संयुक्त राष्ट्र महासचिव की एसडीजी दूत दीया मिर्जा ने ‘सभी जानवर इच्छा से पलायन नहीं करते’ इस अभियान की शुरूआत की थी। दीया मिर्जा का मानना है कि वन्य जीवों को दुनिया भर में खतरे का सामना करना पड़ रहा है और दुनिया भर के अवैध बाज़ारों में भारत की वनस्पति और जीव जंतुओं की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। वन्य जीवों के अवैध व्यापार के कारण कई प्रजातियाँ लुप्त होने की कगार पर है। दुनिया भर में संगठित वन्य जीव अपराध की श्रृंखलाएँ फैलती जा रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप न केवल यह उद्योग फल-फूल रहा है, बल्कि भारत में वन्य जीवों के अवैध व्यापार में काफी तेज़ी भी आई है इसलिये ‘सभी जानवर इच्छा से पलायन नहीं करते’ अभियान की शुरूआत की गयी थी जिसका उद्देश्य जनसमुदाय को जागरूक करना ताकि वन्य जीवों का संरक्षण हो तथा उनकी रक्षा, तस्करी रोकने एवं वन्य जीव उत्पादों की मांग में कटौती लाने हेतु जन समर्थन जुटाना है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि फिल्मों में अभिनय के साथ समाज, पर्यावरण, वन्यजीवों और मानवता के लिये कार्य करना अद्भुत है वास्तव में आज समाज को ऐसे ही पर्यावरण राजदूतों की जरूरत है। स्वामी जी ने कहा कि ‘जीवन के लिये जंगल’ अत्यंत आवश्यक है, जगंल है तो जीवन है, जगंल है तो प्राणवायु आक्सीजन है, जंगल है तो जल है और जल है तो जीवन है।
स्वामी जी ने कहा कि हम दीपावली के पश्चात गोवर्द्धन पूजा करते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में बहुत महत्व है यह पर्व प्रकृति के साथ मानव के सीधे सम्बन्ध को दर्शाता है। गोवर्धन पूजा में गोधन अर्थात गायों की पूजा की जाती है। भगवान श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों को भगवान इंद्र के प्रकोप से शुरू हुई मूसलधार वर्षा से बचाने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाकर रखा ताकि गोप-गोपिकाएँ गोवर्द्धन पर्वत की छाया में आराम से रह सके। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा । गोवर्धन पूजा व अन्नकूट उत्सव हमें पर्यावरण संरक्षण संदेश है।
स्वामी जी ने गंगा जी की आरती के माध्यम से हरित पर्व मनाने का संकल्प कराया। साथ ही अभिनेत्री दीया मिर्जा को रूद्राक्ष का दिव्य पौधा आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया।

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