देहरादून। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने मेहलचौरी के औषधीय एवं संगध पादप संस्थान को गैरसैंण के विकास में मील का पत्थर बताया। संस्थान का स्थलीय निरीक्षण करते हुए 500 नाली जमीन संस्थान को देने पर स्थानीय लोगों का आभार जताया। कृषि मंत्री ने निरीक्षण के दौरान कहा कि संस्थान के पास शासन से स्वीकृत 9.4 हैक्टियर भूमि है। इस पर 100 से अधिक प्रजाति के औषधीय एवं औधानिकी फसलों कर काम किया जा रहा है। वर्तमान में संस्थान में 400 पौधे सेब, कीवि, आडू, प्लम, चेरी, नाशपाती के फलदार वृक्ष लगाये गए हैं। जल्द ही यहां पर कार्यालय भवन, कमरों और सभागार का निर्माण किया जाएगा। जो छह करोड़ की लागत से बनेगा। संस्थान 10 हैक्टेयर की भूमि में बनेगा। इसके लिए छह करोड़ की स्वीकृति दी गई है। कहा कि अप्रैल माह तक निर्माण शुरू होगा। संस्थान में बीएससी एग्रीकल्चर और एमएससी एग्रीकल्चर कोर्स संचालित होंगे। प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इन प्रशिक्षण में स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाएगा। कहा अभी तक जो पौध हिमाचल से आ रही थी, वो अब सभी यहां तैयार की जा रही हैं। इसमें मुख्य रूप से कीवी, सेब की रूट स्टॉक, सीडलिंग जैसे कई प्रजातियां शामिल हैं। इस संस्थान के बनने के बाद स्थानीय लोगो के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस अवसर पर कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, संस्थान प्रभारी डॉ मधुलिका पांडेय, जिला पंचायत सदस्य बलबीर रावत, महावीर सिंह नेगी, जगमोहन कठैत, सुगति बिष्ट, विनोद नेगी मौजूद रहे।
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