बागेश्वर। उत्तराखंड एकता मंच ने कहा कि गढ़वाली व कुमाउंनी समुदायों की पर्वतीय क्षेत्रों में मूल रूप से निवास कर रही समस्त जातियों को संविधान की पांचवी सूची में शामिल की जाए। मकर संक्रांति पर सरयू का जल लेकर संकल्प लिया जाएगा। साथ ही सरयू बगड़ में मंच भी लगाया जाएगा। पिंडारी मार्ग स्थित एक पैलेस में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने यह बात की। उन्होंने कहा कि सरयू में संकल्प लेने के बाद देश में अहिंसात्मक आंदोलन भी चलाया जाएगा। हमें अपने प्राकृतिक और मानव निर्मित संसाधनों की लूट भी बंद करनी होगी। यदि हम इन्हें नहीं बचा पाए तो आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी। वक्ताओं ने कहा कि देश के सभी पहाड़ी इलाकेां को पांचवी, छठी अनुसूची या शेड्यूल स्टेटस लागू है, लेकिन उत्रताखंड इससे बाहर है। उन्होंने भारत सरकार द्वारा गठित लोकुर समिति को पर्वतीय क्षेत्र में खरा उतारने की मांग की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का विकास होगा तो उत्तराखंडी पलायन से भी बचेंगे। हमारे जंगल, जल व जमीन को बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा। इस मौके पर सुरेश नौटियाल, महेंद्र रावत व अनूप बिष्ट आदि मोजूद रहे।