देहरादून। जन संगठनों और राजनैतिक दलों ने बस्तियों में ध्वस्तीकरण के प्रभावितों संग गुरुवार को दून में जन आक्रोश रैली निकली। भीषण गर्मी के बीच प्रभावितों ने जन संगठनों के साथ सचिवालय कूच किया। साथ ही बस्तियों का स्थायी हल नहीं निकालने पर व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी। प्रांतीय सचिव सीटू लेखराज, सीपीएम सचिव अनंत आकाश, सीपीएम के जिला सचिव राजेन्द्र पुरोहित, चेतना आंदोलन सह संयोजक शंकर गोपाल के नेतृत्व में दून में बस्तियों के ध्वस्तीकरण, मनमाने तरीकों से लोगों को बेघर करने के खिलाफ जन आक्रोश रैली राजपुर रोड, एश्लेहॉल से सचिवालय को निकाली गई। प्रदर्शनकारियों ने तिलाड़ी विद्रोह की याद में किसान दिवस व सीआईटीयू के स्थापना दिवस पर किए प्रदर्शन में बस्तियों में चल रहे ध्वस्तीकरण अभियान को गैर कानूनी और जन विरोधी करार दिया। कहा कि सरकार कानून के प्रावधानों और अपने ही वादों का उल्लंघन कर लोगों को उजाड़ रही है। वक्ताओं ने कहा कि सरकार कोर्ट के आदेश का बहाना न बनाए और ध्वस्तीकरण अभियान को तुरंत रोके, बिना पुनर्वास के किसी को भी बेघर न किया जाए। सचिवालय के बाहर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अपर तहसीलदार को सौंपा। इससे पहले गांधी पार्क में हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि एनजीटी के आदेश के बारे में गलत धारणा फैलाकर प्रशासन की टीम लोगों को बेदखल कर रही है। कुछ ही महीनों में 2018 का अध्यादेश खत्म हो रहा है। इसके बाद सभी बस्तियों में रहने वालों को उजाड़ा जा सकता है। उन्होंने दिल्ली सरकार की पुनर्वास नीति राज्य में भी लागू करने की मांग की।