Sunday, July 20, 2025
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उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति का प्रतीक है इगास बग्वाल : रेखा आर्य

मंत्री रेखा आर्य  ने  किया ग्रामीण महिलाओं के साथ पारंपरिक लोकनृत्य 
विकासनगर।  शुक्रवार को जौनसार के बोहरी गांव में ग्यास के साथ ही इगास भी धूमधाम से मनाई गई। यहां पहुंची कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने लोगों को इगास के महत्व की जानकारी देते हुए कहा कि इगास बग्वाल उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति का प्रतीक है। जौनसार बावर के पारंपरिक परिधान में पहुंची मंत्री ने ग्रामीण महिलाओं के साथ पारंपरिक लोकनृत्य भी किया। उन्होंने कहा कि परिधान ही हमारी पहचान हैं, इनके संरक्षण और सवंर्धन की जरूरत है। बोहरी पहुंची मंत्री ने सबसे पहले भगवान परशुराम और माता रेणुका का आशीर्वाद लेकर सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि यहां आकर उन्हें आज जौनसार-बाबर की लोक संस्कृति को करीब से देखने का सौभाग्य मिला।

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उन्हें यह देखकर बड़ी खुशी हुई कि आज एक ओर जहां हम अपनी पारंपरिक वेशभूषा को पीछे छोड़ते जा रहे हैं, वहीं जौनसार-बाबर के लोग अभी भी अपनी संस्कृति और अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं। कहा कि आज हमें अपनी संस्कृति के संवर्धन के साथ उसके संरक्षण की भी जरूरत है, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी अपनी संस्कृति और परंपरा को जान सके। इगास पर्व की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि दीपावली के 11 दिन बाद इगास मनाने की परंपरा है। दीपावली का उत्सव इसी दिन पराकाष्ठा को पहुंचता है, इसलिए पर्वों की इस शृंखला को इगास-बग्वाल नाम दिया गया। बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रीराम के वनवास से अयोध्या लौटने पर लोगों ने कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। लेकिन, गढ़वाल क्षेत्र में राम के लौटने की सूचना दीपावली के ग्यारह दिन बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को मिली, इसीलिए ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए एकादशी को दीपावली का उत्सव मनाया। इस दौरान कैंट विधायक सविता कपूर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामशरण नौटियाल, अमर सिंह, गीता चौहान, कुलदीप चौहान, प्रवीण, रण सिंह चौहान, गुलाब सिंह, विरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

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