नैनीताल। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल व पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को शिवलालपुर चुंगी में पूर्व छात्र अध्यक्ष संजय डोर्बी के आवास पर आयोजित अपने स्वागत कार्यक्रम में कहा कि वह रिवर्स पलायन के तहत ही कार्यकाल पूरा होने से पहले उत्तराखंड आए हैं। पीएम ने भी रिवर्स पलायन का संदेश दिया था। सबसे पहले रिवर्स पलायन की शुरुआत मैंने खुद से की।
राज्यपाल बनने व पद छोड़ने के बाद कोश्यारी कार्यकर्ताओं के कहने पर पहली बार रामनगर पहुंचे थे। नगरध्यक्ष मदन जोशी, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र रावत के नेतृत्व में बाइपास पुल से कोश्यारी को जुलूस के रूप में शिवलालपुर चुंगी में स्वागत स्थल पर लाया गया।
कार्यक्रम में बोलते हुए कोश्यारी ने आत्मनिर्भर बनने का पाठ पढ़ाया। कहा कि सरकारी नौकरियां जो देनी थी दे दी, कुछ ओर दे दी जाएंगी। कोई भी सरकार आए उतनी नौकरी नहीं दे पाएगी, इसलिए आत्मनिर्भर बनने के लिए आगे बढ़े।
उन्होंने पीएम द्वारा अपने मन की बात में आत्मनिर्भरता के नायक बने पहाड़ के कई लोगों का जिक्र भी किया। उत्साहित कोश्यारी यहां तक कह गए कि भगवान की जगह यदि पीएम नरेंद्र मोदी को ही भगवान मानो तो कोई बुरी बात नहीं है। फिर बोले, ‘मैं पूजा के लिए नहीं कह रहा हूं। पीएम की बातों को मानो’।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी मन की बात में दूरस्थ क्षेत्रों में रहकर अच्छे काम करने वाले लोगों को भी पीएम अपने मन की बात में जिक्र करते हैं। पीएम क्या अंर्तयामी है। कहा कि उत्तराखंड को युवा, गतिमान सीएम मिला है। विधायक दीवान सिंह बिष्ट की कार्यशैली की भी सराहना की। इस दौरान भगीरथ लाल चौधरी, जयप्रकाश जोशी, आशीष ठाकुर मौजूद रहे।
पीएम से जताई थी पद छोड़ने की इच्छा
पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री से पद छोड़ने की इच्छा जताई तो मुझसे कहा गया कि पेपर में दे दो। फिर मैंने अपना पद छोड़ने की इच्छा सार्वजनिक की’। कोश्यारी ने कहा कि पीएम को उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पत्र भी लिखा है।