Monday, July 21, 2025
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राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया वीर माधो सिंह भण्डारी यू0टी0यू परिसर में दो दिवसीय ‘उत्तराखण्ड फर्स्ट इंडस्ट्री एकेडमिया कनेक्ट कॉन्क्लेव एंड एक्सपो’ का शुभारम्भ

देहरादून।  वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यू0टी0यू) परिसर में दो दिवसीय ‘उत्तराखण्ड फर्स्ट इंडस्ट्री एकेडमिया कनेक्ट कॉन्क्लेव एंड एक्सपो’ (Uttarakhand’s 1st Industry Academia Connect Conclave & Expo) का शुक्रवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुभारम्भ किया। उन्होंने देश की रक्षा हेतु अपने प्राणों का बलिदान देने वाले अमर शहीदों, सैनिकों की याद में विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित शौर्यवाल पर जाकर शहीद सैनिकों को नमन करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में निर्मित जनरल बिपिन रावत डिफेन्स टेक्नोलॉजी लैब एण्ड यू0टी0यू0 आई0 हब का निरीक्षण करते हुए देश के प्रथम सी0डी0सी0 स्व0 जनरल बिपिन रावत के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्यपाल ने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी में रक्षा सामग्री से संबंधित निर्मित उत्पादों और विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों द्वारा तैयार इक्विपमेंट्स, प्रोडक्ट्स और उन्नत भारत अभियान के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों से संबंधित स्टॉलों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान प्रदर्शित उत्पादों एवं मॉडलों की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आवश्यकता के दृष्टिगत इसके वैश्विक स्तर पर लाने एवं इस हेतु कार्य करने पर बल दिया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में रक्षा विनिर्माण और आत्मनिर्भर भारत योजना को क्रियान्वित करने के लिए शिक्षा, उद्योगों एवं रक्षा विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने छात्रों को अपनी क्षमता को पहचानते हुए स्टार्टअप पर काम करने हेतु आह्वान करते हुए रक्षा क्षेत्र में शत-प्रतिशत स्वदेशी तकनीकी के विकास तथा अनुसंधान पर जोर दिया। राज्यपाल ने कहा कि जब रक्षा निर्माण में भाग लेने की बात आती है, तो ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स, आईआरडी, डील, बीईएल के योगदान को हम नहीं भुला सकते हैं। आज इस अवसर पर इन सभी रक्षा विनिर्माण से जुड़ी औद्योगिक ईकाइयों के साथ-साथ प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी, रक्षा संबंधी गतिविधियों मे लगे प्रतिष्ठित संगठनों की उपस्थित देवभूमि में रक्षा निर्माण के लिए एक सकारात्मक तंत्र की पेशकश कर रही है।
उन्होंने भारत के प्रथम सी0डी0एस0 स्व0 जनरल बिपिन रावत को नमन कर उनके साथ किये गये कार्यों को रेखांकित करते हुए विश्वविद्यालय द्वारा जनरल रावत के नाम से स्थापित डिफेंस टेक्नोलॉजी लैब के माध्यम से आर्मी डिजाइन ब्यूरो एवं आर्टपार्क के साथ काम करने के लिए विश्वविद्यालय परिवार एवं कुलपति के योगदान की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि भारत के इतिहास में यह प्रथम बार हो रहा है। प्रतिष्ठित आई0एम0ए के सदस्य इस कार्यक्रम में न केवल भाग ले रहें हैं अपितु अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। राज्यपाल ने उत्तराखण्ड में माइक्रो डिफैंस कॉरिडोर की स्थापना एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय को अग्रणी भूमिका निभाने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम में आयोजित हैकेथॉन प्रतियोगिता के विजेताओं को राज्यपाल द्वारा भी पुरस्कृत किया गया।
सचिव तकनीकी शिक्षा रविनाथ रामन द्वारा अपने संबोधन में रक्षा क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा द्वारा किये जा रहे प्रयास व भावी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए नवान्मेशन, अनुसंधान आदि पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया एवं आशा व्यक्त की कि दो दिवसीय इस सेमिनार में नये सुझाव सामने आयेंगे और तकनीकी शिक्षा विभाग उनके क्रियान्वयन के लिये नियमानुसार सहयोग प्रदान करेगा।
कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 ओंकार सिंह ने एकैडमिया एवं इण्डस्ट्री को एक साथ जोड़ने एवं रक्षा क्षेत्र में दोनों की महत्वपूर्ण भ्ूामिका पर प्रकाश डालते हुए इंजीनियरिंग के छात्रों एवं इंडस्ट्री को मिल कर कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया, जिससे कि देश के रक्षा उपकरणों के आयातित में निर्भरता कम करते हुए हम रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीकी का उपयोग कर आगे बढ़ सकें। कार्यक्रम में सहयोगी स्टार्टअप इण्डिया के प्रतिनिधि सैमसन प्रकाश ने कार्यक्रम के कन्सेप्ट नोट एवं दो दिवसीय कार्यशाला पर विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया गया कि कार्यक्रम के इन दो दिनों में रक्षा क्षेत्र से संबंधित विभिन्न विषयों पर मंथन किया जायेगा।
कुलसचिव आर0पी0गुप्ता द्वारा कार्यक्रम में उपस्थिति सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए अवगत कराया गया कि दो दिवसीय कार्यशाला अपने लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूर्ण करते हए उत्तराखण्ड राज्य की रक्षा उपकरणों के क्षेत्रों में कार्य करने की महत्वपूर्ण कड़ी  सिद्ध होगी। कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों के निदेशक, प्राचार्य, शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त औद्योगिक एवं रक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने भी प्रतिभाग किया।

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