Sunday, July 20, 2025
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राज्यपाल ने दी प्रदेशवासियों को लोकपर्व इगास बग्वाल की बधाई एवं शुभकामनाएँ

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रदेशवासियों को उत्तराखण्ड के लोकपर्व इगास बग्वाल की बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। राज्यपाल ने कहा कि इगास बग्वाल का यह पर्व सभी प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि व खुशहाली लाएं। इगास बग्वाल उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति व परम्पराओं का प्रतीक है। यह पर्व हमारे पूर्वजों की धरोहर व पर्वतीय संस्कृति की विरासत है। राज्यपाल ने कहा कि हमें अपने लोकपर्व व संस्कृति को संरक्षित रखने की आवश्यकता है। विशेषकर राज्य के युवावर्ग को इस दिशा में मिलकर कदम बढ़ाने चाहिए।

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  1. […] ये भी पढ़ें: राज्यपाल ने दी प्रदेशवासिय… कार्यशाला में उपस्थित गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखण्ड की धरती प्राकृतिक सौंदर्य और संपदा से समृद्ध है जो प्राकृतिक खेती के लिए वरदान साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। इसके लिए किसानों को रासायनिक खेती और जैविक खेती का त्याग करना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे किसान अपने खेतों में रसायनों व उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग कर रहे हैं जिस कारण भूमि की उपजाऊ क्षमता खत्म हो रही है। रासायनिक खादों के दुष्परिणाम आ रहे हैं जिससे कई तरह की बीमारियां भी हो रही हैं। खेतों में कार्बन और माइक्रो पोषक तत्व कम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सब समस्याओं के समाधान के लिए हमें प्राकृतिक कृषि की ओर लौटना होगा। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा स्वयं 200 एकड़ में प्राकृतिक खेती की जा रही है जिसमें रसायन खादों का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाता। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 2लाख किसानों और गुजरात में लगभग 3 लाख किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती की जा रही है। राज्यपाल ने कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि प्राकृतिक खेती पर अधिक से अधिक रिसर्च की जाए और अधिक किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाए। प्राकृतिक खेती से जहां पर्यावरण संरक्षण हो सकेगा वहीं किसानों की आमदनी दोगुनी और वह सशक्त और खुशहाल बनेंगे। राज्यपाल देवव्रत ने अपने अनुभवों के आधार पर उपस्थित कृषकों को प्राकृतिक खेती की महत्व एवं इसके फायदे गिनाये। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्तरीय प्राकृतिक खेती कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए घोषणा की कि राज्य में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिये प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन किया जायेगा। मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना के लिये मुख्यमंत्री ने 10 करोड़ की धनराशि स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कृषि कोरिडोर योजना से गंगा स्वच्छता को भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में की जा रही बेस्ट प्रैक्टिस को पूरे देश में पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति और धरती माता के संरक्षण के अभिनव कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में जो कार्य राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्रारम्भ किए हैं, वह अभूतपूर्व हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस मंथन से एक ऐसा अमृत प्राप्त होगा जो प्राकृतिक कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोलने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा मिल रहा है। इस बार के बजट में कृषि को हाइटेक बनाने के साथ-साथ प्राकृतिक कृषि पर भी अभूतपूर्व फोकस किया गया है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलने से हमारे किसान आत्मनिर्भरता के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। […]

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