देहरादून। सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर पूर्व फैजी से 96 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। आरोप है कि गिरोह ने कई लोगों को शिकार बनाया। पुलिस ने महिला समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। नेहरू कॉलोनी के थानाध्यक्ष मोहन सिंह ने बताया कि अनुसार विरेंद्र सिंह निवासी गणेशपुरम ने तहरीर दी कि वो सेना से 2020 में रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने नौकरी की तलाश की। दीपनगर में रहने वाले परिचित राहुल सैनी ने बताया कि वो एक रसूखदार व्यक्ति को जानता है, जिसकी पहचान यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों तक है। इसके बाद मोहकमपुर में उनकी मुलाकात अंकित रावत, पूजा चमोली और सत्यम शर्मा से कराई गई। अंकित ने कहा कि वो उत्तराखंड सचिवालय के एक सचिव के साथ काम करता है। फिर अंकित ने उन्हें अपने मसूरी रोड स्थित फ्लैट पर बुलाया। यहां उनकी मुलाकात अमर सिंह नाम के व्यक्ति से हुई। अंकित ने कहा कि उसे उत्तरप्रदेश के पर्यटन विभाग और उत्तराखण्ड सरकार के पशुपालन, पर्यटन विभाग में नियुक्तियों के लिए मनोनीत किया गया है। लिहाजा, विरेंद्र की नौकरी भी लगा दी जाएगी। इसकी एवज में उनसे 23 मार्च 2020 को 55 हजार, 24 मार्च को 90 हजार, 25 मार्च को 40 हजार रुपये लिए गए। इसके बाद अंकित ने कहा कि कोरोना काल के चलते नियुक्तियां नहीं हो रही हैं। आरोप है कि इसके बाद अंकित ने उन्हें अपने घर बुलाया और कहा उन्हें करीब एक करोड़ रुपये का काम मिला है। उसने विरेंद्र से 50 लाख रुपये देने को कहा। उन्होंने सितंबर 2020 में एक अनुबन्ध पत्र बनाकर अलग-अलग तिथियों पर 50 लाख रुपये अंकित को दिए गए।