देहरादून। विश्वविद्यालय और आवासीय छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को संतुलित पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए ईट राइट मिशन लागू किया जाएगा। सोमवार को ननूरखेड़ा स्थित समग्र शिक्षा अभियान मुख्यालय परिसर में आयोजित ईट राइट मेला में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यह घोषणा की। सरकारी बेसिक और जूनियर स्कूलों में कार्यरत 24 हजार से ज्यादा भोजन माताओं को भी पौष्टिक भोजन पकाने और खाद्य सामग्री की सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस प्रशिक्षण के लिए सरकार ने इसके लिए 100 दिन का वक्त तय किया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान में आंगनबाड़ी बालवाटिका से उच्च शिक्षण संस्थानों में लाखों छात्र पढ़ाई रहे हैं। इनमें करीब 4.5 लाख छात्र-छात्राएं हॉस्टल में रहते हैं। राज्य के सरकारी आवासीय स्कूलों के छात्रावासों में भी 45 हजार से ज्यादा छात्र छात्राएं रहते हैं। छात्र ही भविष्य के कर्णधार हैं, इसलिए उनका स्वस्थ होना भी आवश्यक है। इसके लिए पौष्टिक भोजन भी जरूरी है। इसे सुनिश्चित करने के लिए राज्य में ईट राइट मिशन को लागू किया जाएगा। इसमें तय मानक के अनुसार पौष्टिक तत्व भोजन में दिए जाएंगे। मंत्री ने बच्चों में जंक फूड खाने के बढ़ते चलन पर चिंता जताते हुए परंपरागत खाद्यान्नों के प्रति प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। राज्य केा टीबी मुक्त करने के अभियान की जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य में टीबी मरीजों को छह माह की दवाएं एक साथ दी जाएंगी और उन्हें पौष्टिक तत्वों के लिए प्रतिमाह 500 के बजाए 1000 रुपये दिए जाएंगे।
शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने कहा कि खाद्य पदार्थों को लेकर हाल में कई भ्रांतियां टूटी हैं। पहले घी को कोलेस्ट्राल का कारण माना जाता था। अंडे के पीले भाग को भी उचित नहीं माना जाता था। पर, हालिया शोध में दोनों को उपयोगी पाया गया है। इसी प्रकार हल्दी समेत विभिन्न तत्व भी स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना गया है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक भोजन को भी उसी प्रकार उपयोग किया जाना चाहिए। डीजी-शिक्षा झरना कमठान की पीएम पोषण योजना पर विस्तार से जानकारी दी। भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारियों ने भी खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जानकारी दी। एपीडी-एसएसए कुलदीप गैरोला ने धन्यवाद भाषण दिया। गैरोला ने बताया कि मेले के दौरान शिक्षक और भोजनमाताओं को भी प्रशिक्षण भी दिया गया।