विकासनगर। जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर पछुवादून में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। विचार गोष्ठी में कार्यकर्ताओं ने मुखर्जी के सिद्धांतों के बारे में विस्तार से चर्चा की। वक्ताओं ने उन्हें देश में ‘एक विधान, एक निशान का नारा बुलंद करने वाला पहला व्यक्ति करार दिया। सुद्धोवाला स्थित विधायक कैंप कार्यालय में आयोजित विचार गोष्ठी में विधायक सहदेव पुंडीर ने कहा कि मुखर्जी ने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए प्राणों की आहुति तक दे डाली। कहा कि हमें मुखर्जी के सपनों को उनके पद चिह्नों पर चलकर साकार करना होगा। उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की नीतियों का सदैव खुलकर विरोध करने वाले डॉ. मुखर्जी को एक ही देश में दो झंडे और दो निशान स्वीकार नहीं थे। कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने की शुरुआत सबसे पहले श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी और इसी के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे समाप्त कर मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। हरबर्टपुर में आयोजत कार्यक्रम में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संतोष रावत ने कहा कि बंगाल विधानसभा की ओर से वे भारतीय संविधान सभा के सदस्य भी चुने गए थे। साल 1944 में डॉ. मुखर्जी हिंदू महासभा के अध्यक्ष बने और पूरे देश में हिंदुओं की सशक्त आवाज बनकर उभरे। विकासनगर में आयोजित कार्यक्रम में विकासनगर विधान सभा संयोजक सीताराम भट्ट ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी देश की अखंडता और एकता के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले राष्ट्रभक्त के साथ ही चिंतक, दार्शनिक और महान विचारक थे। युवा पीढ़ी को उनके सिद्धांतों का अनुसरण कर खुद को राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित करना चाहिए। इस दौरान मंडल अध्यक्ष शुभम गर्ग, सुखदेव फर्सवाण, राहुल शर्मा, अनुज गुलेरिया, जिला महामंत्री विनोद कश्यप, अमित डबराल, मीडिया प्रभारी देवेंद्र चावला पूर्व पालिकाध्यक्ष नीरज अग्रवाल, नीरज ठाकुर, सचिन बंसल, रोशन नेगी, विशेष शर्मा, दीपक जैन, धीरेंद्र पटवाल आदि मौजूद रहे।