देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने जिले में पीपीपी मोड में संचालित किए जा रहे अस्पतालों पर सख्ती की है। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी और प्रभारी अधिकारी कलेक्ट्रेट को इन अस्पतालों का औचक निरीक्षण करने के लिए कहा है। जिलाधिकारी का कहना है कि अगर कहीं इन अस्पतालों में मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलती हैं तो अस्पतालों का अनुबंध खत्म कर दिया जाएगा। देहरादून में जाखन, रीठामंडी, कारगी, माजरा, गांधीग्राम, सीमाद्वार, अधाईवाला, चुना भट्टा, बकरालवाला, बीएस कालोनी, दीपनगर, खुड़बुड़ा में पीपीपी मोड में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। इन अस्पतालों में अनुबन्ध के अनुसार स्टॉफ लैब टैक्निशियन, नर्सेस पर्याप्त संख्या में नहीं है।
साथ ही बाहर से दवाई मंगवाने, पर्याप्त दवाईयां उपलब्ध नहीं होने और साथ ही पीएचसी के मानकों के अनुरूप अस्पताल में पर्याप्त स्थान नहीं होने की शिकायतें आती हैं। इसके अलावा सरकारी अस्पताल में जितनी पैथोलॉजी जांच दर्शाई गई हैं, वह जांचें भी नहीं हो रही हैं। साथ ही सफाई व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है। जिलाधिकारी ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इसे लेकर सीएमओ और एसीएमओ को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह इन अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाएं, किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर कहीं ऐसा लगाता है कि अस्पताल तय मानकों के अनुरूप चिकित्सा सुविधा नहीं दे रहे हैं तो ऐसे अस्पतालों का अनुबंध खत्म कर दिया जाएगा।