-हमारा कर्म ही हमारा सच्चा डायमंड : स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में गुजरात से आये हीरा व्यापारी और साधकों ने पंचदिवसीय साधना और सत्संग में सहभाग किया। सभी साधकों ने परमार्थ निकेतन में होने वाले विश्व शान्ति हवन, गंगा आरती, सत्संग और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों का लाभ लिया। शुक्रवार को गुजरात से आये हीरा व्यापारी काका गोविंद भाई और अन्य सदस्यों ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट की। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, पौधरोपण और सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर कार्य करने हेतु विचार-विमर्श किया।
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स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि इस परिवार ने अपने डायमंड व्यापार से पूरे विश्व में भारत का नाम प्रतिष्ठित किया है। कहा कि गोविंद काका ने अपने पूरे परिवार और सगे-संबंधियों को साथ रखकर बंधुत्व का संदेश दिया है। इस पूरे परिवार से निरंतर संस्कारों की गंगा प्रवाहित होते रहती है, ऐसे ही दूसरे सभी परिवारों में भी संस्कारों की गंगा बहती रहे। काका गोविंद भाई ने कहा कि परमार्थ निकेतन की आरती अनेक स्वरूपों में महत्वपूर्ण है। यह आरती भारतीय संस्कृति का साक्षात स्वरूप है। इस दौरान स्वामी चिदानंद सरस्वती ने उन्हें रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया। मौके पर जयंती भाई, दिनेश भाई, परेश भाई, राकेश भाई आदि उपस्थित रहे।
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