विकासनगर। पीएमश्री राजकीय इंटर कॉलेज हरबर्टपुर में शनिवार को यूसर्क और सोसायटी ऑफ पॉल्यूशन एंड एनवायरनमेंट कंजर्वेशन साइंटिस्ट की ओर से शनिवार को एक दिवसीय रोबोटिक्स एवं एआई कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में इंटरमीडिएट के सौ छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य अवनींद्र बड़थ्वाल ने कहा कि हमारी जिंदगी में एआई और रोबोटिक्स का दखल और इस पर हमारी निर्भरता लगातार बढ़ रही है। इस निर्भरता में बेशुमार कारोबारी संभावनाएं मौजूद हैं। इन्हें भुनाने के लिए दुनिया के सभी प्रमुख देश इस क्षेत्र में नई-नई योजनाएं और नीतियां तैयार कर रहे हैं। प्रधानाचार्य ने कहा कि भारत भी बदलते दौर की इन प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने का कोई भी अवसर हाथ से नहीं जाने देना चाहता, जो उसे दुनिया भर के प्रमुख रोबोटिक्स हब के रूप में स्थापित करने में मददगार साबित हो सकती है। खासकर इन्फ्रास्ट्रक्चर, कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य सेवाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में तो इनका बहुत ज्यादा लाभ लिया जा सकता है। यूसर्क की निदेशक प्रो. अनीता रावत ने कहा कि भारत की रणनीति साल 2030 तक खुद को रोबोटिक्स के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर के तौर पर स्थापित करने की है। बताया कि भारत की यह महत्वाकांक्षा निराधार नहीं है। वर्तमान में बेशक हम इस क्षेत्र में अन्य प्रतिद्वंद्वियों की अपेक्षा थोड़ा पीछे नजर आ रहे हों, लेकिन भविष्य के अनुमान बहुत उम्मीदें जगाने वाले हैं। साल 2023 में एआई और रोबोटिक्स का वैश्विक बाजार क्रमश: 397.5 बिलियन डॉलर और 50.96 बिलियन डॉलर था। साल 2030 तक एआई का बाजार 24.9% की सालाना विकास दर से 1,587.8 बिलियन डॉलर और रोबोटिक्स का बाजार 23.1% की दर से 214.60 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इस दौरान नारी शिल्प इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य मोना बाली, इसरो के स्पेस ट्यूटर सौरभ कौशल आदि मौजूद रहे।