हरिद्वार। भाजपा से पहली बार सांसद बने त्रिवेंद्र सिंह रावत को चार साल सीएम रहते हुए हरिद्वार में किए गए कामों ने जीत दिलाई। इसके साथ ही मोदी मैजिक ने शहरों में काम किया, जबकि कांग्रेस दलित और मुस्लिम के गठजोड़ को साध नहीं पाई। इधर निर्दलीय प्रत्याशी विधायक उमेश कुमार ने दलित और मुस्लिम वोटों पर सेंधमारी कर कांग्रेस को हार तक पहुंचा दिया। भले ही भाजपा ने पिछली दो बार से हरिद्वार सीट को जीता हो, लेकिन इस बार भाजपा के लिए चुनौती कम नहीं थी, क्योंकि पहली बार मुस्लिम और दलित मतदाता को एक करने का प्रयास किया जा रहा था। जिसमें भाजपा ने कांग्रेस को कामयाब नहीं होने दिया। भाजपा की मजबूती उनका संगठन भी रहा, जो लगातार क्षेत्र में काम कर रहा था। इसके अलावा हर क्षेत्र में स्थानीय नेताओं और विधायकों को संयोजक बनाया गया था। संयोजकों की भी समीक्षा प्रदेश स्तर से की जा रही थी। इसके अलावा देहात क्षेत्र को मजबूत करने के लिए गांव-गांव अभियान चलाया, जिसमें दिग्गज नेताओं ने रात्रि प्रवास तक किया।
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