देहरादून। कांग्रेस ने बीकेटीसी अध्यक्ष के तौर अजेंद्र अजय के कार्यकाल विवादास्पद और पूरी तरह विफल बताया है। कांग्रेस मुख्यालय में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि उनके कार्यकाल का सबसे बड़ा विवाद, केदारनाथ परिसर से सोने के पीतल में बदल जाने का है, जिसका वह आज तक जवाब नहीं दे पाए हैं। दसौनी ने कहा कि मंदिर परिसर के बाहर एक क्यू-आर कोड लगा दिया गया, जिसका पूरे देश में हल्ला हुआ। बीकेटीसी शुरू में तो क्यूआर कोड मामले से पल्ला झाड़ती रही, लेकिन तीन दिन बाद बीकेटीसी के प्रवक्ता ने पत्र जारी कर स्वीकार किया की क्यू-आर कोड समिति की ओर से ही लगाया गया था। तब तक लाखों रुपये चंदा जमा हो चुका था। आज तक पता नहीं चला कि वह चंदा किसके अकाउंट में गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पहली बार मंदिर परिसर के अंदर दर्शनार्थी गृह की व्यवस्थाएं पुलिस प्रशासन को संभालते हुए देखा गया, जबकि आज तक मंदिर समिति के स्वयंसेवक ही इस कार्य को करते आ रहे थे। इस दौरान गर्भगृह के बड़ी संख्या में फोटो, वीडियो वायरल हुए, जबकि इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि इन तीन सालों में पंडा पुरोहितों और हक हकूकधारीयों के अधिकारो में हस्तक्षेप लगातार हस्तक्षेप किया गया।
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