देहरादून। प्रगतिशील भोजनमाता संगठन ने न्यूनतम वेतन की मांग की है। साथ ही स्कूलों में मिड डे मील का काम अक्षय पात्र फाउंडेशन को देने का भी विरोध किया है। गुरुवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए संगठन की अध्यक्ष शारदा ने बताया कि दो और तीन जून को प्रदेश भर की भोजन माताएं देहरादून में धरना प्रदर्शन करेंगी। शारदा के अनुसार सरकार भोजन माताओं को न्यूनतम वेतनमान से काफी कम मानदेय मात्र 3000 रुपए देती है। वहीं भोजन माताओं से इस काम को भी छीनकर बेरोजगार बनाने की साजिश रच रही है। एक ओर विधायकों की पेंशन, भत्ते और तनख्वाह में बढ़ोत्तरी हो रही है तो दूसरी तरफ भोजनमाताओं को मात्र 3000 रुपए दिया जा रहा है। इसके बावजूद अब अक्षयपात्र फाउंडेशन जैसी संस्थाओं से स्कूलों में बच्चों के भोजन उपलब्ध करवाकर, रोजगार छीनने की योजना पर काम कर रही है। कभी स्कूल में कम बच्चे होने, तो कभी भोजनमाता के बच्चे स्कूल में ना होने के नाम पर भोजनमाताओं को स्कूल से निकाल दिया जा रहा है। पिछली बार भाजपा सरकार ने और शिक्षा मंत्री ने 5000 रुपए मानदेय देने की घोषणा की थी। लेकिन आज तक वो लागू नहीं हो पाया। उन्होंने साल भर में 11 के बजाए 12 माह का वेतन देने की भी मांग की।
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