देहरादून। अधिवक्ता विकेश सिंह को जिला बदर किए जाने पर अधिवक्ताओं को सवाल उठाए। गुरुवार को कई अधिवक्ताओं ने इसकी नींदा की। वकीलों ने कहा कि वह इसे लेकर कमिश्नर कोर्ट में अपील करेंगे। वहां से राहत नहीं मिली तो हाईकोर्ट जाएंगे। गुरुवार को प्रेस क्लब स्थित सभागार में कई अधिवक्ताओं ने प्रेस वार्ता की। कहा कि आरटीआई के जरिए कई सूचनाएं मांगकर विकेश नेगी ने कई नेताओं और अफसरों को घेरा था। वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह सुंदरियाल ने कहा कि विकेश को जिला बदर करने में काननू का सही तरीके से पालन नहीं किया गया है। पुलिस की बनाई रिपोर्ट और डीएम का आदेश पूरी तरह एक तरफा रहा। उन्होंने चिन्ता जताई कि इस तरह की कार्रवाई आमजनता के लिए भी खतरा हो सकती है। उन्होंने कहा कि गुंडा एक्ट उस पर लगाई जाती जिससे राह चलते लोगों में भय हो या मारे जाने का शक हो। उन्होंने कहा कि गुंडा एक्ट लगाने को पुलिस की तरफ से डीएम को भेजी गई रिपोर्ट ऐसा कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस खुद अपनी उस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करे, जिसके आधार पर जिला बदर करने की कार्रवाई की गई। उन्होंने इस मामले में जांच करने वाली पुलिस और डीएम की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। इस दौरान अधिवक्ता साक्षी खन्ना, अशोक अग्रवाल, केके बहुखंडी, प्रमिला रावत, जीसी शर्मा, आरएस नेगी, सुरेंद्र कुमार, विनीत सिंह, अनु पंत, श्याम वर्मा, गौरव बिष्ट शामिल रहे।
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