विकासनगर। लगातार लगातार बारिश के कारण एक बार फिर यमुना और टौंस में भारी मात्रा में सिल्ट आ गया। जिसके कारण डाकपत्थर बैराज से सिल्ट को निकालने के लिए पानी को डिस्चार्ज करना पड़ा। इसके कारण यमुना और टौंस पर बने जल विद्युत परियोजनाओं के टरबाइन एक बार फिर ठप हो गए। देर रात तक भी इन परियोजनाओं में उत्पादन शुरू नहीं हो पाया था। भारी बारिश के कारण लगातार परियोजनाओं में बिजली उत्पादन पर असर पड़ रहा है। इसी महीने दसवीं बार सिल्ट आने के कारण उत्पादन ठप हुआ है। रविवार से पहाड़ों के में लागातार बारिश हो रही है।
जिसके कारण यमुना और टौंस का उफान पर हैं। भारी बारिश के कारण इन नदियों में भारी मात्रा में गाद और कूड़ा आ रहा है। जिसका असर विद्युत उत्पादन पर पड़ रहा है। गाद और कूड़े को निकालने के लिए यूजीवीएनएल को डाकपत्थर बैराज से पानी को छोड़ना पड़ रहा है। रविवार को भी यमुना टौंस में गाद आने से यूजेवीएनल को डाकपत्थर बैराज से 3908.52 क्यूसेक जबकि इच्छाड़ी से 2931.46 क्यूसेक पानी को छोड़ गया। इसके कारण सोमवार को सुबह ग्यारह बजे 120 मेगावाट क्षमता का व्यासी परियोजना बंद हो गई। जबकि 240 मेगवाट क्षमता का छिबरो, 120 मेगावाट खोदरी, 33.75 मेगावाट की ढकरानी व 51 मोगावाट ढालीपुर विद्युत परियोजना रविवार सुबह से ही बंद हैं। केवल कुल्हाल जलविद्युत परियोजना में ही आपूर्ति सुचारु रही। देर रात तक भी बंद पड़ी पांच परियोजनाओं में उत्पादन शुरू नहीं हो पाया था।