देहरादून। उत्तराखंड बाल कल्याण परिषद ने शैक्षिक सहायता के लिए जरूरतमंद छात्र-छात्राओं के आवेदन मांगे हैं। इसके लिए ऐसे छात्र-छात्राएं आवेदन कर पाएंगे, जो अनाथ हैं या फिर मां या पिता के कोई एक नहीं है और उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ.मुकुल कुमार सती ने शैक्षिक सहायता के लिए सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश किए हैं कि वह ऐसे छात्रों के आवेदन 15 सितंबर तक करवाना सुनिश्चित कराएंगे। बाल कल्याण परिषद सरकारी और अशासकीय स्कूलों में कक्षा छह से 12वीं तक पढ़ने वाले ऐसे बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए आर्थिक मदद करता है। मातृहीन पितृहीन शैक्षिक सहायता के लिए जरूरतमंद छात्रों की पिछली कक्षा में 60 फीसदी से अधिक अंक होना जरूरी है। बाल कल्याण परिषद की महासचिव पुष्पा मानस के मुताबिक यह शैक्षिक सहायता प्रतिवर्ष वरियता के अनुसार दी जाती है, छात्रों के आवेदन परिषद कार्यालय में 15 सितंबर तक स्वीकार किए जाएंगे।परिषद के संयुक्त सचिव कमलेश्वर भट्ट ने बताया कि इस सहायता योजना लगातार आवेदनों की संख्या बढ़ रही है। पिछले सालों तक पांच हजार से अधिक आवेदन मिलते रहे हैं। योजना के मानकों के अनुरूप 200 से अधिक छात्रों को यह सहायता दी जाती है।