देहरादून। रेलवे में एग्रीमेंट पर नौकरी दिलाने का झांसा दे सात युवाओं से 6.63 लाख रुपये हड़प लिए गए। जालसाज महिला ने केंद्रीय सचिवालय में पहुंच का हवाला देकर कोविड काल में यह फर्जीवाड़ा किया। शिकायत पर कैंट कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई है। वर्ष 2021 के कोविड काल में भारती अधिकारी निवासी पीपल चौक, शनि मंदिर कौलागढ़ देहरादून ने फलक शेर मसीह, तरसेम मसीह, दिग्विजय सिंह रावत, जितेंद्र छाबड़ा, सुखदेव सिंह, शशी मसीह और मीना नेगी से संपर्क कर रेलवे में कैटरिंग विभाग में अनुबंध पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया। आरोप है कि भारती अधिकारी ने दावा किया कि सचिवालय में उनके प्रदीप सर कार्यरत हैं। जो गृह मंत्री के पीए हैं। उन्हीं की सिफारिश पर नियुक्तियां कराई जा रही हैं। झांसा दिया कि तीन महीने की ट्रेनिंग देहरादून से अहमदाबाद के बीच चलने वाली ट्रेन में होगी। इसके बाद 33,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा। नौकरी के झांसे में फलक शेर मसीह ने 1.30 लाख, तरसेम मसीह ने 1.08 लाख दिग्विजय सिंह रावत ने एक लाख, जितेंद्र छाबड़ा ने 50 हजार, सुखदेव सिंह ने एक लाख, शशी मसीह ने 1.25 लाख और मीना नेगी ने 50 हजार रुपये दिए। आरोप है कि इसके बाद बार-बार कहने के बावजूद भी न तो कोई कोचिंग कराई गई और न ही नौकरी दिलाई गई। जब पैसे वापस मांगे गए तो महिला धमकियां देने लगीं। इंस्पेक्टर कैंट केसी भट्ट ने बताया कि तहरीर पर आरोपी महिला के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
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