देहरादून। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने पुरानी पेंशन बहाली को दबाव तेज कर दिया है। मोर्चा पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत सभी मंत्रियों, विधायकों को ज्ञापन सौंप ओपीएस बहाली की मांग की। मोर्चा प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने जनप्रतिनिधियों को दिए ज्ञापन में कहा कि कर्मचारियों को न नई पेंशन स्कीम चाहिए और न ही यूपीएस। कर्मचारियों की एक सूत्रीय मांग सिर्फ पुरानी पेंशन बहाली है। ऐसे में कर्मचारियों की मांग को अनदेखा नहीं करना चाहिए। पुरानी पेंशन बहाली को गांधीवादी तरीके से आंदोलन चलाया जा रहा है। कहा कि विधायकों की पेंशन बढ़ाने में तेजी दिखाई गई। ऐसे मामलों में वित्तीय स्थिति का कभी हवाला नहीं दिया जाता।
प्रदेश अध्यक्ष जयदीप रावत ने कहा कि वित्तीय स्थिति सिर्फ कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली के समय ही खराब होती है। कहा कि जब विधायकों को पुरानी पेंशन दी जा सकती है, तो 40 साल नौकरी करने के बाद कर्मचारियों से क्यों उनके बुढ़ापे की लाठी को छीना जा रहा है।
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनोज अवस्थी ने कहा कि विधायकों के लिए सरकारी खजाने को दिल खोल कर खोला जा रहा है। दूसरी ओर कर्मचारियों को 60 साल में रिटायर होने के बाद सिर्फ 800 रुपए ही पेंशन मिल रही है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। कर्मचारियों की पेंशन को बोझ बताया जा रहा है। प्रदेश महामंत्री सीता राम पोखरियाल ने कहा कि कर्मचारियों की मांग की लगातार अनदेखी की जा रही है। यदि एनपीएस, यूपीएस लाभदायक है, तो विधायक, सांसदों को क्यों उसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। ओपीएस बहाली को 23 मार्च को जंतर मंतर पर महारैली का आयोजन होगा।