Tuesday, February 4, 2025
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आभा क्यूआर कोड दिला रहा ओपीडी पंजीकरण की लाइन से छुटकारा

ऋषिकेश। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत आभा क्यूआर कोड आधारित स्कैन एंड शेयर सुविधा रोगियों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। एम्स ऋषिकेश में पिछले दो वर्षों के दौरान तीन लाख दो हजार से अधिक रोगियों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। इस सुविधा से लोगों को अब ओपीडी पर्चा बनवाने के लिए घंटों तक लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ता है। एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि संस्थान में आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा) के क्यूआर कोड आधारित काउंटर सुविधा 26 नवम्बर 2022 में शुरू हुई थी। उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान है, जहां मरीजों के पंजीकरण के लिए यह डिजिटाइजेशन व्यवस्था सबसे पहले अमल मे लाई गई थी। तब से अब तक एम्स अस्पताल में 3 लाख 2 हजार से अधिक लोग आभा आईडी से जुड़ चुके हैं और उन्होंने अपना ओपीडी पर्चा बनवाने में इस डिजिटल तकनीक आधारित का लाभ उठाया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत केवल इलाज करवाने वाले रोगियों की आभा आईडी ही नहीं बनाई जाती है, बल्कि अस्पताल के हेल्थ प्रोफेशनल चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को भी इस योजना से जोड़ा गया है। विभागीय जानकारी के अनुसार, अभी तक 2 हजार 279 हेल्थ प्रोफेशनलों का इसमें पंजीकरण किया जा चुका है। इसके अलावा संस्थान की ओर से 3 लाख 65 हजार मरीजों का हेल्थ रेकॉर्ड डिजिटल लिंक्ड भी कर दिया गया है। उन्होंने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजना को जन-जन के स्वास्थ्य का आधार बताया।
एम्स में आभा योजना के नोडल ऑफिसर डॉ. भरत भूषण भारद्वाज ने बताया कि आभा ऐप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी भी अस्पताल में क्यूआर कोड स्कैन करके अपना पर्चा बनवा सकता है। इसके साथ ही अपने सभी प्रकार के हेल्थ रिकॉर्ड अपने मोबाइल में आभा ऐप के माध्यम से देख सकता है। आभा एबीडीएम योजना पूरी तरह से लागू होने के बाद मरीज को अपने स्वास्थ्य दस्तावेजों को साथ में ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आभा ऐप के माध्यम से चिकित्सक उनके स्वास्थ्य दस्तावेजों का अवलोकन कर सकेंगे।

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