देहरादून। प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार राज्य के मूल सरोकारों से ध्यान भटकाने के लिए समान नागरिक संहिता लागू करने में जल्दबाजी कर रही है। इस वक्त जब राज्य में पूर्णकालिक राजधानी, सख्त भू-कानून, मजबूत लोकायुक्त, मूल निवास, ग्रामीण अंचलों में सुरक्षित प्रसव, बेरोजगार युवाओं के हाथों को काम, किसानों को समर्थन मूल्य और महिलाओं को सुरक्षा जैसे मुद्दों पर जब बात होनी चाहिए, तब भाजपा सरकार यूसीसी का राग अलाप रही है। शनिवार को मीडिया को जारी बयान में दसौनी ने कहा की केदारनाथ का उपचुनाव अपने हाथों से फिसलता देख भाजपा सरकार यूसीसी लाने में जल्दबाजी कर रही है। इस मुद्दे पर किसी उत्तराखंडी ने कभी कोई मांग नहीं की। उन्होंने कहा कि जब यूसीसी की बात हो रही है बोक्सा, थारू, भोटिया, जौनसारी आदि जनजातियों को इससे क्यों बाहर रखा गया है। क्या उत्तराखंड सरकार उन्हें उत्तराखंड का नागरिक नहीं समझती? यदि किसी कारणवश यूसीसी इन तमाम जनजातीयों पर लागू नहीं हो सकती थी तो बाकी बची हुई जनता ने क्या इसकी मांग की थी?
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