देहरादून। शरद पूर्णिमा के अवसर पर जैन संत तपस्वी आचार्य विद्यासागर महाराज का अवतरण दिवस दिगम्बर जैन मंदिर में गुरुवार को हर्षोल्लास से मनाया गया। उपाध्याय विकसंत सागर महाराज ने मुनि शुद्धात्म सागर महाराज द्वारा पत्ते पर बनाई गई आचार्य श्री कलाकृतियों का विमोचन किया। आचार्य विद्यासागर विचार मंच की ओर से आयोजित कार्यक्रम को मुनि उपाध्याय विकसंत सागर महाराज के सानिध्य में किया गया। इस अवसर पर विकसंत सागर ने अपने प्रवचन में कहा कि आचार्य विद्यासागर महाराज हमारी स्मृति में हमेशा बने रहेंगे। उनके विचारों को आज भी याद किया जाता है, हजारों अनुयायी उनके बताए हुए मार्ग का अनुसरण करते हैं। उन्होंने कहा था कि अनुभव ही जीवन में काम आता है, सिर्फ किताबी ज्ञान कोई उपलब्धि नहीं दिला सकता। ‘जो दूसरों के अवगुण देखता है और दूसरों को सुखी देखकर ईर्ष्या करता है, वह कभी भी सुख-शांति का अनुभव नहीं कर सकता।’ जैन समाज की मीडिया प्रभारी मधु जैन ने बताया कि भगवान जी का प्रातः कालीन मस्तक अभिषेक से किया गया। उसके उपरांत शांति धारा की गई। आचार्य विद्यासागर का पूजन कर आचार्य श्री को विशेष अर्घ्य अर्पित किए। मुनि शुद्धात्म सागर महाराज ने आचार्य श्री के जीवन पर प्रकाश डाला। उनके जीवन पर आधारित एक प्रश्न मंच भी किया गया। जिसमें सही उत्तर देने वाले सम्मानित किए गए। इस अवसर पर पंकज जैन, डॉ. संजय जैन, सुनील जैन, प्रवीण जैन, राजेश जैन, महेंद्र कुमार जैन, सतीश चंद जैन, डॉ. संजीव जैन, अंकित जैन, अनुज जैन, वेदांश जैन, राजीव जैन, अजय जैन, अक्षित जैन, संयम जैन, वासु जैन, अलका जैन, शेफाली जैन, रश्मि जैन, रेनू जैन, गीतिका जैन मौजूद रहे।
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