Monday, July 21, 2025
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प्रधानाचार्य भर्ती के खिलाफ आंदोलन को शिक्षकों ने किया खत्म

देहरादून।  प्रधानाचार्य भर्ती के खिलाफ दो सितंबर से चल रहे आंदोलन को राजकीय शिक्षक संघ ने सोमवार को वापस ले लिया। बीते रोज मुख्यमंत्री के ओएसडी दलवीर दानू और माध्यमिक शिक्षा निदेशक लीलाधर व्यास द्वारा भर्ती परीक्षा पर दिए गए आश्वासन के बाद यह निर्णय किया गया। हालांकि संघ ने साथ ही यह चेतावनी दी भी कि राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) सेवा नियमावली को निरस्त न किया गया तो दोबारा आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। इसी नियमावली के तहत प्रधानाचार्य के रिक्त 692 पदों पर विभागीय स्तर पर भर्ती कराई जा रही है। दोपहर माध्यमिक शिक्षा निदेशक व्यास ने निदेशालय परिसर में धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने 14 सितंबर से भूखहड़ताल पर बैठे शिक्षक देवेंद्र सिंह बिष्ट, अर्जुन पंवार और अंकित रौथाण को नारियल पानी पिलाकर अनशन तुड़वाया। इसके साथ ही संघ ने आंदोलन को वापस लेने का ऐलान कर दिया।
संघ अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि संघ प्रधानाचार्य के शतप्रतिशत पदों को प्रमोशन के जरिए ही भरे जाने की मांग पर अडिग है। उच्चाधिकारियों के उचित कार्यवाही के आश्वासन पर आंदोलन को वापस लिया गया है। संघ की मांगों को लेकर शिक्षा सचिव को आज ज्ञापन भेजा गया है। इसमें नियमावली को तत्काल निरस्त करने और एलटी-प्रवक्ता से हाईस्कूल प्रधानाध्यापक और एलटी से प्रवक्ता पदों पर प्रमोशन की प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की मांग की गई है। यदि इन दोनों मांगों पर कार्यवाही नहीं होती तो संघ आज स्थगित किए स्तर से दोबारा आंदोलन शुरू कर देगा।
इससे पहले आज सुबह शिक्षक संघ प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्यों ने प्रदेश अध्यक्ष चौहान के नेतृत्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके कैंप कार्यालय में मुलाकात की और उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने मुख्यमंत्री को आंदोलन वापस लेने की सूचना भी दी और नियमावली को भंग करने व प्रमोशन प्रक्रिया को जल्द शुरू कराने का अनुरोध भी किया। इस मौके पर राजकुमार चौधरी, श्याम सिंह सरियाल, जगदीश बिष्ट, गोकुल मर्तोलिया, हेमंत पैन्यूली, रविशंकर गुसाई, प्रणय बहुगुणा, बलराज गुसाई, प्रकाश चौहान, आलोक रौथान, दिलबर रावत, भारतेंदु जोशी, बलवंत असवाल, अतोल महर, लक्ष्मण सजवान, रविंद्र रोड, हरेंद्र सैनी, भूपेंद्र भंडारी,भुवन चिलवाल आदि शामिल रहे।

” शिक्षक संघ की मांगों से उच्च स्तर को अवगत कराया गया है। शासन के दिशानिर्देशों के अनुसार आगे कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। मांगों पर आगे कार्यवाही के लिए शिक्षक संघ से सहमति के साथ उच्च स्तर पर विचार विमर्श किया जाएगा। आमरण अनशन, धरना प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों के खिलाफ किसी भी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी।   -लीलाधर व्यास, माध्यमिक शिक्षा निदेशक”

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