देहरादून। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की एमडी स्वाति भदौरिया ने कहा कि नवजात के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए मां का दूध बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि मां के दूध का सेवन करने से नवजात शिशुओं के मौत की दर में 20 फीसदी कमी आ जाती है। गुरुवार को स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ करते हुए भदौरिया ने कहा कि मां का दूध शिशु के व्यापक मानसिक विकास के साथ ही शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने में कारगर होता है। नियमित स्तनपान से नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को 20 प्रतिशत तक, डायरिया से होने वाली मृत्युओं को 11 गुना तक कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिशु के जन्म उपरांत पहले घंटे के भीतर स्तनपान कराना आवश्यक है और पहले छ: माह तक केवल मां का दूध ही दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मां के दूध से एंटीबॉडी सीधे बच्चे तक पहुंचती है। जो बच्चे की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। उन्होंने बताया कि राज्य में एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाएगा। इस दौरान महिलाओं को जागरुक करने के साथ ही माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया जाएगा।
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