देहरादून। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यालय में मंगलवार को गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें वक्ताओं ने बीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के जीवन पर प्रकाश डाला। 23 अप्रैल 1930 का पेशावर विद्रोह इतिहास में पेशावर कांड के नाम से जाना जाता रहा है। जब बीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के नेतृत्व में गढ़वाली सैनिकों ने पेशावर के किस्साखानी बाजार में देश की आजादी के आन्दोलन की कड़ी में सत्याग्रह कर रहे पठान जनता पर गोली चलाने से इन्कार कर दिया था। वक्ताओं ने विस्तार से पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। गोष्ठी में जिलासचिव राजेन्द्र पुरोहित, देहरादून सचिव अनन्त आकाश,पछवादून सचिव कमरूद्दीन, सदस्य सचिव मंडल लेखराज, एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा, महामंत्री हिमान्शु चौहान आदि मौजूद थे।